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भंसाली से पहले भी बन चुकी है Padmavati पर ये फिल्म, दिखाया गया है भाई बहन का संबन्ध

Sanjay lila bhansaali से पहले भी बन चुकी है Padmavati पर ये फिल्म

नमस्कार दोस्तों, राजस्थान के चितोड़ की रानी पद्मावती एक ऐतिहासिक  किरदार हैं या नहीं, इसे लेकर इतिहास कारों में बहुत ही ज्यादा मदभेद है। क्योंकि कुछ इतिहास कार पद्मावती को मलिक मोहम्मद जायजी की कल्पना बताते हैं तो कुछ उन्हें ऐतिहासिक किरदार मानते हैं। रानी पद्मावती के ऐतिहासिक किरदार होने पर चाहे आज भले ही कितने भी सवाल हों, लेकिन भारतीय जनमानस की कल्पना और कहानियों में वह शादियों से हैं।

चितोड़ की रानी पद्मावती की कहानी भारतियों ने शादियों से सुनी है और इस कहानी पर तमिल और हिंदी में 60 के दशक में फिल्में भी बन चुकी हैं। आपको बता दें की 1963 में तमिल निर्देशक चित्राकू ने रानी पद्मावती की कहानी पर 'चितोड़ रानी पद्मिनी' फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में मशहूर अभिनेत्री वैजयंती माला ने रानी पद्मिनी के किरदार को निभाया था।


बता दें की ये फिल्म उमा पिक्चर्स के बैनर तले बनाई गई थी। आपको बता दें की इस फिल्म में भी दिल्ली के सुल्तान अलाउदीन खिलजी और रानी पद्मावती की कहानी को दर्शाया गया था। तब फिल्म निर्देशकों ने इस फिल्म को ऐतिहासिक शिक्षण फिल्म बताया था। इस फिल्म में भी खिलजी रानी पद्मावती के प्रेम में  पागल थे और उन्होंने पद्मिनी का दीदार ना कर पाने पर राजा को राजस्थान को बर्बाद कर देने की धमकी दी थी। इस फिल्म में सबसे बड़ी बात ये है की इसके अंत में खिलजी रानी पद्मावती को अपनी बहन मान लेते हैं और राजपूत राजा राणा की बाहों में खिलजी दम तोड़ देते हैं।

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